रविवार, 23 दिसंबर 2012

भारत और दिल्ली की जनता एक बार फिर से लाचार











 










चलती  बस में लड़की के साथ  बलात्कार 
पुलिस प्रशाशन की नाकामी और हार 
युबा और युब्तियों की हमदर्दी और न्याय के लिए प्रदर्शन 
सोनिया राहुल शिंदे शीला पुलिस कमिश्नर  का  निन्दनीय  आचरण 
हमेशा की तरह आन्दोलन को दवाने की साजिश 
पुलिस का ब्यबहार  गैरजरूरी और शरमशार 
भारत और दिल्ली की जनता एक बार फिर से लाचार .



अब करा करता है शोषण ,आजकल बीरों का पोरुष
मानकर बिधि का विधान, जुल्म हम सब सह गए हैं


नाज हमको था कभी पर आज सर झुकता शर्म से
कल तलक जो थे सुरक्षित आज सारे  ढह गए हैं 


 

मदन मोहन सक्सेना

5 टिप्‍पणियां:

  1. वन्दना के इन स्वरों में एक स्वर मेरा मिला लो ,

    हो जहां बलि शीश अगणित एक सिर मेरा मिला लो ....

    हिन्दुस्तान के साझा ज़ज्बातों को स्वर दिया है आपकी रचना ने यह मामला भारत रेप का ,आधी आबादी की सुरक्षा का .

    मान्यवर ,यह एक राष्ट्रीय समस्या है इसका हल भी राष्ट्रीय स्तर पर मानक अंशांकित सज़ा निर्धारण से ,मामलों के द्रुत निपटान से ही होगा .एक सन्देश तो चले कहीं से भी .इसे सुषमा शीला के खानों में बांटके न देखा जाए .

    अब न होने देंगे ये अन्याय .सकारात्मक रहो जोश भरो उन युवाओं में जो स्वत :निकलके आयें हैं घरों से ,आधी आबादी की सुरक्षा का हक़ मांगने .

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    1. प्रोत्साहन के लिए आपका हृदयसे आभार . सदैव मेरे ब्लौग आप का स्वागत है .

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  2. नाज हमको था कभी पर आज सर झुकता शर्म से
    कल तलक जो थे सुरक्षित आज सारे ढह गए हैं,,,वाह क्या बात है,,

    recent post : समाधान समस्याओं का,

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    1. प्रोत्साहन के लिए आपका हृदयसे आभार . सदैव मेरे ब्लौग आप का स्वागत है .

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  3. बहुत उम्दा उत्कृष्ट प्रस्तुति....
    http://swapniljewels.blogspot.in/2013/01/blog-post.html

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