मंगलवार, 1 जनवरी 2013

दो हज़ार तेरह



दो हज़ार बारह तो आम जनता का बाज़ा बजाकर चला गया . देखतें हैं कि दो हज़ार तेरह में क्या क्या देखना होगा।

मदन मोहन सक्सेना  

2 टिप्‍पणियां:

  1. उम्मीद है कि अच्छा-अच्छा ही देखने को मिलेगा।

    आपको ओर आपके परिजनों को नव-वर्ष की शुभकामनाएं।

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