सोमवार, 15 अप्रैल 2013

आखिर क्यों

जयपुर की घटना को आज टीवी पर देखा.
सड़क पर एक महिला की लाश.
बेबस घायल बच्चा
और अपनी किस्मत पर रोते उसके पिता को.. !
और देखा मंहगी गाड़ी
जो पास से गुजर रही थी
और उन में बैठे दो कौड़ी की औकात वाले
अपने की इंसान कहने वाले
समाज के लोगों को !
देखा
बस में से झांकते लोगो को
जो सिर्फ नाटक देखने और तालियाँ पीटने की ट्रेनिग लेते हैं बड़े बड़े आदर्शो से
जिनमे कभी कभी मैं खुद भी होता हूँ !
और देखा.. मरती हुई इंसानियत को
बहते हुए भावनाओं के खून को.. !
बहुत दर्द हुआ
आखिर क्यों
आज का मानब इतना स्वार्थी हो गया है
आखिर क्यों.



मदन  मोहन सक्सेना

8 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल बुधवार (17-04-2013) के "साहित्य दर्पण " (चर्चा मंच-1210) पर भी होगी! आपके अनमोल विचार दीजिये , मंच पर आपकी प्रतीक्षा है .
    सूचनार्थ...सादर!

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  2. आज मानव इतना स्वार्थी हो गया है कि मानवता को भी शर्म आने लगी है....बहुत मर्मस्पर्शी प्रस्तुति...

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  3. यदि हर एक व्यक्ति दूसरों से अपेक्षा छोड़ स्वयं मे एक अच्छा 'इंसान' बनने की ठान ले तो शायद कुछ सुधारोन्मुख हुआ जा सकता है।
    ईश्वर हमें 'मनुष्य' बनाये रखे बस!
    सादर

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  4. आज कलयुग में कोई किसी की मदद नहीं करता हुज़ूर | बढ़िया प्रस्तुति | आभार

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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