बुधवार, 17 अगस्त 2016

खेल ओलंपिक और हम

 

 

   

बीसबीं सदी के पुर्बाध में
भूतकाल के शुष्क धरातल पर 
जब हमारें पुर्बजों ने 
भबिष्य की आबश्यक्तायों की   पूर्ति के लिए 
अपने देश में   आयत करके
भ्रष्टाचार का एक बीज रोपा था 
इस बिश्बास के साथ कि
आगे आने बाले समय  में 
नयी पीढ़ियों का जीवन सुखद सरल एबम सफल होगा
किन्तु इस आशंका से
बे भयाक्रांत ब्याकुल एबम चिंतित थे
कि कहीं
धर्मनिरपेछ्ता ,सदाचार ,साम्प्रदयिक सदभाब 
कर्तब्यनिष्टा ,देशप्रेम,नामक घातक प्रहारों से
निति निर्माताओं, रहनुमाओं एबम  राजनेताओं के द्वारा
उसकी असामयिक हत्या ना कर दी जाये
किन्तु  उनकी ये आशंका
निर्मूल ,निरर्थक ,बेअसर साबित हुयी
जब बीसबीं सदी के उतरार्ध में
उनके बच्चों ने  जिसमें
चिकित्सक ,अध्यापक ,एबम राजनेता
लेखक पत्रकार और अभिनेता
बैज्ञानिक ,धर्मगुरु ,क्रेता बिक्रेता 
सभी ने  एक साथ मिलकर
अपने अथक प्रयासों से
बृक्ष   के फलने फूलने में बराबर का योगदान दिया
आज कल हम सब ने
घृणा  स्वार्थ नफ़रत हिंसा एबम दहशत का बाताबरण
तैयार कर  के 
हत्या ,राहजनी एबम लूटपाट 
अपहरण ,आतंकबाद  और  मारकाट नामक 
उत्प्रेरकों कि उपस्थिति से 
आर डी एक्स ,ऐ के सैतालिस नामक
उन्नत तकनीकी सयंत्रों के   सयोंग से
धर्म ,शिक्षा, राजनीतिएबम खेलों में
भ्रष्टाचार के पौधे को चरम सीमा तक
पुष्पित पल्लिबत होने दिया है
हमें बिश्बास है कि
ईकीसबी सदी   में भी
हमारे बच्चे पूरी कोशिश करेंगें
ताकि येबृक्ष  फलता फूलता रहे
और अगर इसी तरह से ये कोशिश जारी रही
तो बह दिन दूर नहीं 
जब गली -गली ,  शहर- शहर ,घर -घर में 
इसका युद्ध स्तर पर ब्यब सायिक उत्पादन शुरू होगा 
और उस दिन हम ,तब 
भ्रष्टाचार के फल फूल बीज  को 
पुरे संसार में निर्यात कर सकेंगें 
उस पल पूरा संसार 
भ्रष्टाचार  को पाने के लिए 
आश्रित रहेगा 
हम   पर और सिर्फ हम पर
और 
ओलम्पिक के खेलो में 
गोल्ड मैडल अपना पक्का होने बाला  है 
 



खेल ओलंपिक और हम

मदन मोहन सक्सेना

3 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति अमर क्रान्तिकारी मदनलाल ढींगरा जी की १०७ वीं पुण्यतिथि और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। सादर ... अभिनन्दन।।

    जवाब देंहटाएं
  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (19-08-2016) को "शब्द उद्दण्ड हो गए" (चर्चा अंक-2439) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    भाई-बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक
    रक्षाबन्धन की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
  3. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (19-08-2016) को "शब्द उद्दण्ड हो गए" (चर्चा अंक-2439) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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    भाई-बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक
    रक्षाबन्धन की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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